दक्षिण कैरोलिना की एक प्रीस्कूल टीचर, केट मेडलिन, ने हाल ही में एक वीडियो में बताया कि उन्होंने और उनके मंगेतर ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते बच्चों को जन्म न देने का फैसला किया है। उनकी इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है, और इसे 3.37 लाख से अधिक बार देखा गया है। उनके इस साहसिक फैसले के पीछे राजनीतिक स्थिति, महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, LGBTQ+ अधिकारों और स्कूलों में बढ़ती हिंसा जैसे मुद्दे हैं, जो महिलाओं को काफी प्रभावित कर रहे हैं।
महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधा को लेकर चिंता
मेडलिन ने अपने राज्य, दक्षिण कैरोलिना, के सख्त गर्भपात कानूनों पर चिंता जताई है। राज्य में वर्तमान में 6 सप्ताह के बाद गर्भपात पर रोक है, जिसमें केवल बलात्कार, अनाचार, और चिकित्सा आपात स्थिति जैसे मामलों में ही 12 सप्ताह तक की छूट दी जाती है। भले ही ट्रंप ने संघीय गर्भपात पर प्रतिबंध का प्रस्ताव न दिया हो, लेकिन वे गर्भपात पर राज्य-स्तरीय प्रतिबंधों के समर्थन में हैं और रो वर्सेस वेड को पलटने में उनकी भूमिका को लेकर कई बार सार्वजनिक रूप से गर्व कर चुके हैं। मेडलिन ने स्पष्ट किया कि उनकी चिंता केवल गर्भपात पर नहीं है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति को लेकर है, जो उनके लिए बच्चों को जन्म देने के निर्णय को कठिन बना रही है।
सुरक्षित राज्यों में जाने पर विचार
मेडलिन ने बताया कि वे और उनके मंगेतर उन राज्यों में स्थानांतरित होने पर विचार कर रहे हैं जहां गर्भपात के अधिकारों की सुरक्षा अधिक है, जैसे कि मेन और वर्मोंट। मेन में गर्भपात 22 से 24 सप्ताह तक संरक्षित है, जबकि वर्मोंट में कोई भी समय सीमा नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए किसी भी राज्य में स्थिरता को लेकर अनिश्चितता है।
LGBTQ+ अधिकार और स्कूलों में बढ़ती हिंसा
मेडलिन ने अपने LGBTQ+ मित्रों के अधिकारों को लेकर भी चिंता जताई है, उन्हें डर है कि ट्रंप के नेतृत्व में इस समुदाय के अधिकारों पर खतरा मंडरा सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने स्कूलों में बढ़ती बंदूक हिंसा पर भी सवाल उठाया, खासकर बच्चों के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारी को लेकर। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को पढ़ाते हुए यह विचार कि उन्हें बंदूक से सुरक्षा देनी पड़ सकती है, एक कठिन और असामान्य स्थिति है।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए जलवायु परिवर्तन का डर
मेडलिन जलवायु परिवर्तन को लेकर भी चिंतित हैं, उन्हें डर है कि वर्तमान नेतृत्व के तहत इस मुद्दे पर प्रगति ठप हो सकती है या पीछे हट सकती है। उनका कहना है कि यह एक और कारण है कि वे अभी बच्चों को जन्म देने के विचार में अनिश्चितता महसूस करती हैं।
उनके वीडियो ने देशभर की महिलाओं का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें कई महिलाओं ने उनके निर्णय से सहमति जताई। एक यूजर ने कमेंट में लिखा, "मेरी भी यही भावना है। यह सचमुच दिल तोड़ने वाला है।" वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, "हम भी इसी कारण से परिवार बढ़ाने को लेकर संशय में हैं।"
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